विज्ञान हो, ज्योतिष या मिथक....सूर्य और चांद पर जो आमराय है वो ये कि सारे ग्रह सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते हैं और चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर। लेकिन इस गति की दौरान जब कभी सूर्य चंद्रमा और पृथ्वी किसी खास स्थिति में पहुंचते हैं तो कई तर्क और सिद्धांतों का जन्म होता है। भारत के प्रसिद्ध गणितज्ञ आर्यभट्ट ने ही ग्रहण से जुड़े वैज्ञानिक सिद्धांत प्रस्तुत किये। उन्होंने इस बात को सिद्ध किया कि जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आती है तो पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ने से चंद्रग्रहण होता है। इसी तरह सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा के आने पर चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है तो सूर्यग्रहण होता है। यही वजह है कि चंद्रग्रहण पूर्णिमा के दिन ही होता है, जब सूर्य और चंद्रमा पृथ्वी की दो विपरीत दिशाओं में होते हैं। वहीं, सूर्यग्रहण अमावस्या के दिन होता है, जब सूर्य और चंद्रमा पृथ्वी की एक ही दिशा में स्थित होते हैं। सदी के सबसे लंबे चन्द्र ग्रहण की चर्चा फिलहाल खूब हो रही है इसलिए विशेष में आज बात करेंगे चन्द्र ग्रहण की आपको बताएंगे क्या है ब्लड मून और ये कैसे बाकी चन्द्र ग्रहणों से अलग है
Whenever Sun Moon and Earth reach a particular state, many logic and principles are born. The famous mathematician Aryabhatta of India presented the scientific theory related to eclipse. He proved that when the earth comes between the sun and the moon, then the earth's shadow falls on the Moon and the lunar eclipse occurs. Similarly, when the moon gets its shadow on the moon's arrival between the sun and the earth, then the solar eclipse occurs.
Anchor – Deepak Dobhal
Production – Akash Popli
Graphics - Nirdesh, Girish, Mantosh Pandey
Editing – Harish, Sarab, Satish